रेलवे,तथा वन विभाग व राजस्व की भूमि को बेच| सौ और पाँच सौ रुपये के स्टाम्प में
हल्द्वानी 4 दिसंबर - रेलवे,तथा वन विभाग व राजस्व की भूमि को सौ और पाँच सौ रुपये के स्टाम्प में भू माफिया द्वारा बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मा0 मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खण्डपीठ ने राज्य सरकार, वन विभाग व रेलवे को दस दिन के भीतर मामले की जाँच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई हेतु खण्डपीठ ने 22 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इस सम्बन्ध में भूमि बेचे जाने के साक्ष्य पेश करने को कहा था जिसे आज उनके द्वारा पेश किया गया। हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि, गौलापार गोजाजाली स्थित वन विभाग व राजस्व की भूमि को भू माफियाओं के द्वारा सौ और पाँच सौ के स्टाम्प पर बेच दिया गया है। जिन लोगो को यह भूमि बेची गयी वे लोग उत्तराखंड के स्थायी निवासी नहीं है। ये लोग रोजगार के लिए यहाँ आये थे। कुछ ही समय बाद सीएससी सेंटर में इनके वोटर आईडी तक बन गए । जब इसकी शिकायत प्रशासन, मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो याचिकाकर्ता को जान माल की धमकी तक भू माफियाओं द्वारा दी गयी। वोट बैंक के लालच में इनके लिए बिजली , पानी ,स्कूल व अस्पताल के लिए करोड़ो रूपये खर्च किया जा रहा है। जिसका भार स्थानीय लोगों पर पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों को सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा सरकारी धन का दुरपयोग किया जा रहा है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जाँच उच्च स्तरीय कमेटी से की जाय। इनके सभी दस्तावेजों की जाँच की जाए।